पेट्रोल की जगह इथेनॉल का यूज़ होंगे – डीजल से काफी सस्ता

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। इसलिए कंपनी इसका विकल्प तलाश रही है। इथेनॉल को फिलहाल पेट्रोल और डीजल का सबसे बड़ा विकल्प माना जाता है। एथेनॉल को फ्लेक्स फ्यूल भी कहा जाता है और यह महंगे फ्यूल से थोड़ा सस्ता होता है, इसीलिए दुनिया की तमाम बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाले इंजन विकसित कर रही हैं। भारत में भी फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली पहली गाड़ी एक-दो महीने में लॉन्च हो सकती है।

भारत की सबसे बड़ी कार निर्माण कंपनियों में से एक टोयोटा, भारत की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस कार को लॉन्च कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पिछले कुछ महीनों से कार कंपनियों पर फ्लेक्स फ्यूल कार बनाने का दबाव बना रहे हैं। फ्लेक्स फ्यूल से देश के किसानों को भी काफी मदद मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।

देश का 35 प्रतिशत प्रदूषण पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन पर चलने वाले वाहनों के कारण होता है। ऐसे में एथेनॉल जैसे ईंधनों को विकसित किया जाना चाहिए ताकि प्रदूषण कम हो और साथ ही यह जीवाश्म ईंधन की तुलना में सस्ता और स्वदेशी हो। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के 62वें वार्षिक सम्मेलन में दी।

यह भी पढ़ें – क्या सच में इलेक्ट्रिक व्हीकल को PUC की जरूरत होती है?

भारत सरकार ने 2020 में ही फ्लेक्स फ्यूल के लिए योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसकी समय सीमा बाद में 2025 करदी गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि अगर भारत 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का उपयोग करने में सक्षम होता, तो देश लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करेंगा। साथ ही, इथेनॉल उत्पादन निकट भविष्य में पेट्रोलियम क्षेत्र के पूरे अर्थशास्त्र को बदल देगा। 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को हासिल करने से देश को हर साल करीब 1 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इथेनॉल सम्मिश्रण से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को रोकने में भी मदद मिलेगी।

अमित शाह ने आगे कहा, अगर कच्चे तेल पर निर्भरता कम करनी है तो फ्लेक्स फ्यूल एक अच्छा विकल्प है. फ्लेक्स ईंधन का उत्पादन 2011-12 में लगभग 172 मिलियन टन था, जो अब 2021-22 में बढ़कर 212 मिलियन टन हो गया है। इसे बढ़ाने के लिए पूरी दुनिया में प्रयास चल रहे हैं। भारत ने इसे प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक इथेनॉल नीति तैयार की है। अमेरिका वर्तमान में 55 प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन करता है और ब्राजील 27 प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन करता है। वही भारत वर्तमान में केवल तीन प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन कर रहा है।

यह भी पढ़ें – Mahindra XUV400 vs MG ZS vs Tata Nexon EV Max – कौनसी बेस्ट

आपका दिन अच्छा हो!

Adminsahil
Adminsahilhttps://www.vehiclemech.in
My name is Sahil Pathan and I have done a diploma course in mechanics and I am very much fond of vehicles since childhood. I watch only car shows on TV too. I have very good knowledge of cars and bikes, that's why I have created this blog.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Post

Stay Connected

116,547FansLike
120,542FollowersFollow
15,608FollowersFollow
215,302SubscribersSubscribe

Latest Articles

Must Read